चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से जुटाए गए फंड और व्यय पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में एडीआर ने राजनीतिक पार्टियों के चुनावी चंदे का विश्लेषण प्रस्तुत किया है. गौरतलब है कि 13 अगस्त 2014 राष्ट्रीय पार्टियों के लिए चुनावी खर्च का ब्यौरा देने की आखिरी तारीख थी. यह तारीख 16 मई को चुनावी नतीजों की घोषणा के 90 दिन बाद का समय है.
इस बारे में चुनाव आयोग को कांग्रेस की ओर 22 दिसबंर 2014, बीजेपी की ओर से 12 जनवरी 2015, बीएसपी की ओर से 8 अगस्त 2014, एनसीपी की ओर से 22 अगस्त 2014, सीपीआई की ओर से 27 अक्टूबर 2014 और सीपीएम की ओर से 25 अगस्त 2014 को चुनाव खर्च का ब्यौरा दिया गया.
हालांकि नोट करने वाली बात ये है कि बीजेपी, बीएसपी, एनसीपी, सीपीआई और सीपीएम ने चुनाव आयोग को केवल लोकसभा चुनाव से जुड़े खर्च की ही जानकारी दी है. जबकि कांग्रेस के ब्यौरे में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और ओड़िशा विधानसभा चुनाव का खर्च भी शामिल है. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के खर्च अलग से नहीं दिखाए. इसलिए पार्टी की ओर से दी गई जानकारी ज्यों का त्यों ले लिया गया है. इसी तरह लोकसभा चुनाव 2004 के लिए बीएसपी, सीपीआई और सीपीएम के चुनावी खर्च ब्यौरे में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओड़िशा और सिक्किम विधानसभा चुनाव खर्च की जानकारी भी निहित है.
लोकसभा चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से जुटाया गया फंड
1. राष्ट्रीय पार्टियों से निहितार्थ बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई और सीपीएम से है.
2. राष्ट्रीय पार्टियों ने 2004 के लोकसभा चुनाव के लिए 223.80 करोड़ का फंड इकट्ठा किया, जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा इकट्ठा किया जाने वाला फंड 282 प्रतिशत बढ़कर 854.89 करोड़ हो गया.
3. 2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से जुटाए गए फंड में पिछले चुनाव के मुकाबले 35.53 प्रतिशत का उछाल आया और यह 1158.59 करोड़ हो गया. 2009 में राष्ट्रीय पार्टियों के फंड की राशि 854.89 करोड़ थी.
4. सिर्फ दस सालों में राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से लोकसभा चुनावों के लिए इकट्ठा किए जाने वाले फंड में 418 प्रतिशत का उछाल आया.
2014 लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से इकट्ठा किया गया फंड
1. बीजेपी ने लोकसभा चुनावों के दौरान सबसे ज्यादा फंड जुटाया. पार्टी ने घोषणा की है कि 75 दिनों की चुनावी अवधि में पार्टी ने 588.45 करोड़ फंड जुटाए.
2. सबसे ज्यादा फंड जुटाने के मामले में कांग्रेस, बीजेपी के बाद दूसरे नंबर रही और उसे 350.39 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले. दूसरी ओर एनसीपी को चुनावी चंदे के रूप में 77.85 करोड़ मिले, वही बीएसपी को 77.26 करोड़ रुपये चंदे के तौर पर मिले.
3. सबसे कम चंदा मिला सीपीआई को, जिसे 75 दिनों की चुनावी अवधि के दौरान सिर्फ 9.52 करोड़ रुपये मिले.
लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय पार्टियों के व्यय का ब्यौरा
1. राष्ट्रीय पार्टियों ने 2004 के लोकसभा चुनाव में 269.42 करोड़ खर्च किए, जबकि 2009 के चुनावों में यह खर्च 225 प्रतिशत बढ़कर 875.81 करोड़ हो गया.
2. राष्ट्रीय पार्टियों की ओर किया गया कुल खर्च 2014 के लोकसभा चुनावों में 49.43 प्रतिशत बढ़कर 1308.75 करोड़ हो गया, जबकि 2009 के लोकसभा चुनावों के दौरान यह आंकड़ा 875 करोड़ रुपये था.
3. पिछले 10 साल के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों का चुनावी खर्च 386 प्रतिशत बढ़ा है.
2014 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से व्यय किया गया धन
1. 75 दिनों की चुनावी अवधि के दौरान बीजेपी ने सबसे ज्यादा 715.48 करोड़ रुपये खर्च किए.
2. बीजेपी के बाद कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 486.21 करोड़ खर्च किए. इसके बाद एनसीपी ने 64.48 करोड़ और बीएसपी ने 30.06 करोड़ खर्च किए.
3. सीपीआई ने सबसे कम 6.72 करोड़ रुपये 75 दिनों की चुनावी अवधि के दौरान खर्च किए.
लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों की ओर विभिन्न मदों में किया गया खर्च
1. लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान बीजेपी ने 463.17 करोड़ पब्लिसिटी पर खर्च किए, जबकि कांग्रेस ने 364.41 करोड़, एनसीपी ने 30.98 करोड़, बीएसपी ने 12.75 करोड़, सीपीएम ने 4.94 करोड़ और सीपीआई ने 0.72 करोड़ खर्च किए.
2. बीजेपी ने चुनाव में ट्रैवल पर 159.15 करोड़ खर्च किए, जबकि कांग्रेस ने 129.50 करोड़ खर्च किए. इसके साथ ही एनसीपी ने 3.73 करोड़, बीएसपी ने 17.31 करोड़, सीपीएम ने 1.94 करोड़ और सीपीआई ने 0.17 करोड़ ट्रैवल पर खर्च किए.
3. लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों पर 159.81 करोड़ खर्च किए, जबकि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों पर 96.70 करोड़ खर्च किए.
लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से पब्लिसिटी पर खर्च किया गया धन
1. लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों ने कलेक्टिव रूप से मीडिया प्रचार पर 661.26 करोड़ खर्च किए, जबकि 126.94 करोड़ अपनी पब्लिक मीटिंग पर खर्च किए और प्रचार सामग्री पर 70.77 करोड़ खर्च किए.
2. मीडिया प्रचार पर बीजेपी ने सबसे ज्यादा 342.36 करोड़ खर्च किया. जबकि पब्लिक मीटिंग पर पार्टी का खर्च 89.56 करोड़ रहा. इसके साथ पब्लिसिटी मैटेरियल पर पार्टी ने 31.35 करोड़ खर्च किया.
3. वहीं कांग्रेस ने मीडिया प्रचार पर 289.22 करोड़ खर्च किए. पार्टी की ओर से पब्लिक मीटिंग पर 33.08 करोड़ और पब्लिसिटी मैटेरियल पर 24.11 करोड़ खर्च किए गए.
4. वहीं बीएसपी ने 6.59 करोड़ पब्लिसिटी मैटेरियल पर खर्च किए और 3.90 करोड़ मीडिया प्रचार पर खर्च किए.