सुप्रीम कोर्ट के दागी सांसदों और विधायकों की सदस्यता खत्म करने संबंधी दिए गए बुधवार के फैसले के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पेशानी से पसीना आ रहा होगा। हालांकि लालू की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाले में निचली अदालत के फैसला सुनाने पर रोक लगा दी है, पर फैसला तो आएगा। फैसला 15 जुलाई को सुनाया जाना था। अगर फैसला लालू के खिलाफ जाता है तो उनके लिए दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद व्यवस्था दी कि उन सांसदों-विधायकों की सदस्यता तुरंत मानी जाएगी जिन्हें किसी अदालत से दो साल की कैद सुनाई जाएगी। सनद रहे कि चारा घोटाले में लालू पर 35 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है।
उधर,उत्तर प्रदेश विधानसभा के 403 में 189 यानी 47 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। इन 189 विधायकों में से 98 यानी 24 प्रतिशत पर गंभीर आईपीसी धारा वाले मामले हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वाच द्वारा विधानसभा के 2012 में हुए चुनाव के बाद जीत कर आए सभी दलों के कुल 403 विधायकों के हलफनामों के विश्लेषण से यह खुलासा हुआ। इन 189 विधायकों में सर्वाधिक 111 विधायक सपा और 29 विधायक बसपा के हैं।
