नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई कानून के दायरे में लाने की याचिका दाखिल की गई है। इस पर केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और छह राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किए गए हैं।
चुनाव सुधारों के लिए काम कर रहे एक एनजीओ एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह याचिका दाखिल की है। जस्टिस एचएल दत्तू, जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा व जस्टिस अमिताव रॉय की बेंच ने एडीआर के वकील प्रशांत भूषण की दलीलें सुनी। उन्होंने राजनीतिक दलों को पब्लिक अथॉरिटी घोषित करने की मांग की है। साथ ही उन्हें मिलने वाले सभी चंदों की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया है। इस समय राजनीतिक पार्टियां 20 हजार रु. से कम के चंदे की जानकारी का खुलासा चुनाव आयोग को भी नहीं करती। केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने विस्तृत आदेश में राजनीतिक दलों को पब्लिक अथॉरिटी करार दिया था। उन्हें सूचना के अधिकार के तहत चंदा देने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक किसी भी दल ने इस पर काम शुरू नहीं किया है।