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New Delhi

कभी समाजसेवा और जनता की आवाज उठाने का जरिया मानी जाने वाली राजनीति अब कमाई का बड़ा माध्यम बन गई है। बिहार विधानसभा के मौजूदा सदस्यों की संपत्ति पर एक नजर डालें तो इसकी तस्दीक आसानी से हो जाती है, जिनकी आय पिछले पांच साल में कई गुना तेजी से बढ़ी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड की पूनम यादव इस मामले में सबसे आगे हैं। साल 2010 में चुनावों के दौरान नामांकन करते समय उनकी संपत्ति 1.87 करोड़ थी जो 2103 फीसदी बढ़कर अब 41.34 करोड़ हो गई है। पूनम ने इस बार फिर से खगरिया सीट पर टिकट की मांग की थी।

अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही पूनम की संपत्ति का यह रिकार्ड चुनावों पर नजर रखने वाली संस्‍था एडीएआर द्वारा जारी किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार माननीयों की संपत्ति में पिछले पांच साल में औसतन 1.71 करोड़ रुपये की वृद्िध हुई है।

इस संबंध में पूनम का कहना है कि पांच सालों में उनकी जमीन का मूल्य कई गुणा बढ़ा है। इसके अलावा उन्होंने इस दौरान पांच बीघा जमीन भी खरीदी है।

वहीं, नवादा से जदयू विधायक रही पूर्णिमा यादव जो फिलहाल गोविंदपुर से कांग्रेस उम्‍मीदवार हैं उनकी संपत्ति में भी 480 फीसदी तक इजाफा हुआ है। साल 2010 में उनकी जो संपति 2.78 करोड़ थी वो बढ़कर अब 16.14 करोड़ हो चुकी है।

लखीसराय से भाजपा ‌विधायक विजय कुमार सिन्हा की संपत्ति भी पांच सालों में 4.13 करोड़ से बढ़कर 15.64 करोड़ हो गई है। जबकि दरभंगा ग्रामीण से राजद विधायक ललित कुमार यादव की संपत्ति 2.83 करोड़ से बढ़कर 12.89 करोड़ हो गई है।

चिररिया से समाजवादी पार्टी के विधायक अवनीश कुमार सिंह की जो संपत्ति साल 2010 में 1.25 करोड़ थी वो अब 8.18 करोड़ के पार पहुंच चुकी है।

एडीआर की समीक्षा कहती है कि 160 विधायकों की संपत्ति में 199 फीसदी तक औसतन वृद्िध हुई है। खास बात ये है कि जिन विधायकों की संपत्ति में अकूत वृद्िध हुई है उनमें सबसे ज्यादा भाजपा के 66 विधायक हैं।

जबकि जेडीयू के 52 और आरजेडी के 12 हैं। इस सूची में जीतन राम मांझी की हम पार्टी के सात और सीपीआई विधायक अवधेश कुमार राय का नाम भी शामिल है।