चुनावों पर नजर रखने वाली रिसर्च एजेंसी असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दावा किया है कि पांच राष्ट्रीय पार्टियों की 80 फीसदी आमदनी अज्ञात स्रोत से आती है। चुनाव आयोग को जमा किए गए इनकम टैक्स रिटर्न के मुताबिक सीपीएम, कांग्रेस, बीएसपी, एनसीपी और सीपीआई की कुल संपत्ति 844.71 करोड़ रुपये है।
बीजेपी ने अब तक चुनाव आयोग को इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी नहीं दी है, जबकि डेडलाइन नवंबर 2014 ही थी। इन पार्टियों को अज्ञात जरियों से हुई आमदनी 673.08 करोड़ रुपये है, जो कि कुछ घोषित संपत्ति की 79.68 फीसदी है। 'अज्ञात स्रोत' वह आमदनी हैं, जिन्हें आईटी रिटर्न में दिखाया तो जाता है पर 20 हजार रुपये से कम मिलने वाले दान के स्रोत का खुलासा नहीं होता।
इनमें कूपॉन सेल, पर्स मनी, रिलीफ फंड, स्वैच्छिक अनुदान, मोर्चा और मीटिंग्स में जुटाया गया चंदा आदि शामिल होते हैं। इस तरह का चंदा देने वाले लोगों की जानकारी उपलब्ध नहीं होती है।
पार्टियों की आमदनी का करीब 57 फीसदी हिस्सा कूपॉन की सेल से ही जमा हुआ बताया गया है। कूपॉन की सेल के जरिए कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 477.316 करोड़ रुपये जुटाए वहीं एनसीपी ने 8.32 करोड़ रुपये इकट्ठा किए। आमदनी के स्रोतों के अलावा, पार्टियों ने अब तक चंदे का भी जानकारी नहीं दी है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टियों को मिले कुल चंदे का 41 फीसदी ऐसे स्वैच्छिक अनुदान से आया, जो 20 हजार से ऊपर थे। इतना ही नहीं, 2013-14 के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को 111.29 करोड़ रुपये (करीब 59 फीसदी) ऐसे लोगों ने दान दिए, जिनकी जानकारी पब्लिक डोमेन में मौजूद नहीं है।
एडीआर की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि इन पांचों पार्टियों में सबसे ज्यादा आमदनी 598.06 करोड़ रुपये कांग्रेस की है, जो कुल आमदनी की करीब 71 फीसदी है। इसके बाद सीपीएम की आमदनी 121.87 करोड़ रुपये है, जो कुल आमदनी की 14.43 फीसदी है।