सत्तारूढ़ भाजपा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 3,623.28 करोड़ की आय घोषित की, लेकिन इसका केवल 45.57 प्रतिशत (1,651.022 करोड़) खर्च किया। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2018-19 और 2019-20 के बीच, भाजपा की आय 2,410.08 करोड़ से बढ़कर 3,623.28 करोड़ रुपये हो गई।
एडीआर ने कहा कि एडीआर के आरटीआई आवेदन के जवाब में एसबीआई द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में पार्टियों द्वारा 3,429.5586 करोड़ के चुनावी बांड को भुनाया गया। इसमें से 87.29 प्रतिशत चार राष्ट्रीय दलों- भाजपा, कांग्रेस, एआईटीसी और राकांपा को मिला।
रिपोर्ट के अनुसार भाजपा को सबसे अधिक 2555 करोड़ रुपये (अपनी कुल आय का 70.51 प्रतिशत) के चुनावी बांड के माध्यम से दान मिला, उसके बाद कांग्रेस 317.861 करोड़ रुपये (कुल आय का 46.59 प्रतिशत) के साथ दूसरे स्थान पर रही। तृणमूल कांग्रेस को 100.46 करोड़ रुपये (69.92 फीसदी) और राकांपा को 20.50 करोड़ रुपये (23.95 फीसदी) चुनावी बांड मिले। माकपा, भाकपा और बसपा ने कोई चुनावी बांड नहीं भुनाया।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है, "सात राष्ट्रीय दलों (भाजपा, कांग्रेस, सीपीएम, राकांपा, बसपा, एआईटीसी और सीपीआई) ने पूरे भारत से कुल 4,758.206 करोड़ रुपये की आय की घोषणा की है। बात करे अगर खर्च के मोर्चे पर तो, भाजपा ने अपनी कुल आय में से केवल 1,651.02 करोड़ रुपये खर्च किए, जो 3,600 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि कांग्रेस ने अपनी आय से अधिक खर्च करने के लिए 998.15 करोड़ रुपये खर्च किए।
विश्लेषण से पता चला है कि भाजपा का अधिकतम खर्च चुनाव या आम प्रचार पर हुआ है, जिसकी राशि 1352.92 करोड़ रुपये है और इसके बाद प्रशासनिक लागत 161.54 करोड़ रुपये है। जबकि कांग्रेस ने चुनावी खर्च पर अधिकतम 864.03 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि प्रशासनिक और सामान्य खर्चों पर 99.393 करोड़ रुपये खर्च किए।
इधर, इस रिपोर्ट के आने के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिग्गज नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने अपने ट्वीट में एक स्क्रीन शॉट शायर करते हुए लिखा की - BJP की आय 50% बढ़ गयी है। लेकिन आपकी यानी आम जनता की कितमी बढ़ी है?
बता दे कि देशभर में लगातार बढ़ती महंगाई को लेकर राहुल गांधी पहले से ही मोदी सरकार पर हमला बोला रहे है। इसी बीच इस रिपोर्ट में हुए इस बड़े खुलासे के बाद राहुल गांधी को एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया है। वहीं, अभी इस रिपोर्ट को लेकर भाजपा की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।