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Source
TV9 Hindi
https://www.tv9hindi.com/business/jagan-mohan-reddy-is-richest-cm-of-country-know-how-much-assets-of-30-chief-ministers-au564-1815428.html
Author
TV9 Bharatvarsh
Date

एडीआर ने कहा कि एनालिसिस किए गए 30 सीएम में से 29 (97 फीसदी) करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 33.96 करोड़ रुपये है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार देश के कुल 30 मुख्यमंत्रियों में से 29 करोड़पति हैं. जिनमें से आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर जगन मोहन रेड्डी के पास 510 करोड़ रुपये के साथ सबसे ज्यादा संपत्ति है. एडीआर के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास सबसे कम मात्र 15 लाख रुपये की संपत्ति है. एडीआर और इलेक्शन वॉच (न्यू) के अनुसार वे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी 30 मौजूदा सीएम के एफिडेविट का एनालिसिस करने के बाद इस कंक्लूशन पर पहुंचे हैं.

करोड़पति चीफ मिनिस्टर्स की एवरेज नेटवर्थ

देश के 28 राज्यों में चीफ मिनिस्टर मौजूद हैं और देश के दो केंद्रशासित प्रदेशों दिल्ली और पुडुचेरी के पास भी अपने चीफ मिनिस्टर हैं. जबकि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के पास मौजूदा समय में कोई सीएम नहीं है. एडीआर ने कहा कि एनालिसिस किए गए 30 सीएम में से 29 (97 फीसदी) करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 33.96 करोड़ रुपये है.

किनके पास है सबसे ज्यादा धन

  1. संपत्ति के मामले में टॉप तीन में आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी के पास सबसे ज्यादा 510 करोड़ रुपये की नेटवर्थ है.
  2. अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू के पास 163 करोड़ रुपये से अधिक की नेटवर्थ है.
  3. ओडिशा के नवीन पटनायक के पास 63 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है.
  4. प्रदेश में सबसे कम संपत्ति रखने वाली सीएम पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी हैं, जिनके पास 15 लाख रुपये की नेटवर्थ है.
  5. केरल के पिनाराई विजयन और हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर के पास एक करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है.
  6. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के अरविंद केजरीवाल दोनों के पास 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की नेटवर्थ है.

43 फीसदी सीएम पर अपराधिक मामल

एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, 30 मुख्यमंत्रियों में से 13 (43 फीसदी) ने अपने एफिडेविट में हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और आपराधिक धमकी से संबंधित गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है. रिपोर्ट के अनुसार गंभीर आपराधिक मामले पांच साल से अधिक कारावास के साथ गैर-जमानती अपराध हैं.