उत्तराखंड विधानसभा के कुल 70 नव निर्वाचित सदस्यों में से 27 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चुनाव सुधार हिमायती समूह ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने यह जानकारी दी है।
एडीआर ने कहा कि उसने ‘उत्तराखंड इलेक्शन वॉच’ के साथ मिलकर सभी 70 विजेता प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। एडीआर के मुताबिक, “ 2022 में 70 में 19 (27 फीसदी) विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 2017 में 70 विधायकों में से 22 (31 प्रतिशत) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे। ”
उसने कहा कि 10 विजेता विधायकों (14 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। एडीआर के मुताबिक, भाजपा ने 47 विजेता विधायकों में से आठ (17 फीसदी), कांग्रेस के 19 में से आठ (42 फीसदी) और बसपा के दो विजेता विधायकों में से एक (50 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। उसके मुताबिक, विधानसभा पहुंचे दोनों निर्दलीय विधायकों (100 फीसदी) ने भी अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
समूह ने कहा कि भाजपा के पांच (11 प्रतिशत), कांग्रेस के चार (21 फीसदी) और एक निर्दलीय विधायक ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी अपने-अपने हलफनामों में दी है।
उसने बताया कि 70 नव निर्वाचित विधायकों में से 58 (83 फीसदी) करोड़पति हैं जबकि 2017 में 51 (73 प्रतिशत) विधायक करोड़पति थे। एडीआर ने कहा कि भाजपा के 47 में से 40 (85 फीसदी), कांग्रेस के 19 में से 15 (79 प्रतिशत), बसपा के दोनों (100 फीसदी) और दो में से एक निर्दलीय (50 प्रतिशत) विधायक ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है।
भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा की 47 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस को महज़ 19 सीटों से संतोष करना पड़ा है। चुनाव नतीजे बृहस्पतिवार को घोषित हुए हैं।