ADR Report on Ministers: मध्यप्रदेश सरकार में 12 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसका खुलासा एडीआर की रिपोर्ट में हुआ है। पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट....
ADR Report on Ministers: मध्यप्रदेश सरकार में 31 मंत्रियों में से 12 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 3 मंत्रियों पर तो पर हत्या के प्रयास, भड़काऊ बयान, महिलाओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार जैसे गंभीर आपराधिक मामले शामिल हैं। वहीं, 9 मंत्रियों के ऊपर मामूली धाराओं में मामले दर्ज हैं।
दरअसल, इसका खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ यानी एडीआर की रिपोर्ट में हुई। जिसमें 27 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र सरकार के कुल 643 मंत्रियों के चुनाव के दौरान जमा किए गए एफिडेविट का विश्लेषण किया है। उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। हालांकि, एडीआर के द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि कुछ मामलों की स्थिति बदल भी सकती है। पूरी रिपोर्ट विस्तार से पढ़िए...
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर 5 एफआईआर दर्ज
भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर और मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर कुल 5 मामले दर्ज हैं। इसमें 6 गंभीर आईपीसी की धाराएं और 14 अन्य धाराएं शामिल हैं। ज्यादातर मामले पश्चिम बंगाल में दर्ज हैं। इन मामलों में भड़काऊ बयान देने, साम्प्रदायिक सौहार्द, धार्मिक भावनाएं जैसे कई अपराध शामिल हैं। हालांकि, किसी मामले में कैलाश विजयवर्गीय पर आरोप तय नहीं हुए हैं। विजयवर्गीय के खिलाफ दक्षिण दिनाजपुर कोर्ट के बलुरघाट, पश्चिम मिदनापुर कोर्ट, हुगली जिला कोर्ट के श्रीरामपुर, उत्तर दिनाजपुर कोर्ट के रायगंज में अलग-अलग धाराओं में दर्ज मामले चल रहे हैं। एक मामला मालदा के जिला साइबर क्राइम कोर्ट में भी दर्ज है।
मंत्री इंदर परमार पर हत्या के प्रयास का केस
शुजालपुर से विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार पर दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसमें 1 गंभीर आईपीसी की धारा और 3 अन्य धाराएं शामिल हैं। पहले उनके ऊपर धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास, 148 के तहत हथियारों के साथ दंगा भड़काने और 109 के तहत उकसाने के आरोप लगे थे। तब यह मामला अतिरिक्त सत्र न्यायालय शुजालपुर में चला। इसके बाद 24 जुलाई 2001 को 1 साल की जेल धारा 148 के तहत और धारा 307/149 में 5 साल की सजा के साथ 1500 सौ रुपए का जुर्माना हुआ। फिर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की गई। 25 सितंबर 2008 को फैसले में सजा को घटाकर 85 दिन की कैद और 1500 रुपए का जुर्माना कर दिया गया। वहीं, धारा 323 के तहत 28 सितंबर 1987 को 50 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
दिलीप जायसवाल पर धोखाधड़ी और जालसाजी का केस
कोतमा से भाजपा विधायक और कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल पर एक आपराधिक मामला दर्ज है। आईपीसी की 5 गंभीर धाराएं और 2 अन्य धाराओं में मामला दर्ज हैं। अभी यह मामला एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट जबलपुर में लंबित है। विधायक दिलीप जायसवाल पर धारा के 420 के तहत धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति हड़पने, 467, 468, 471 धाराओं के तहत जालसाजी, धारा 409 के तहत विश्वासघात, धारा 413 के तहत चोरी की संपत्ति का लेन-देन, धारा 34 के तहत सामान्य इरादे को बढ़ावा देने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य जैसे आरोप हैं। इन मामलों में अभी तक कोई आरोप नहीं तय हुए हैं और न ही कोई अपील दायर की गई है।
मंत्री दिलीप अहिरवार पर 3 मामले दर्ज
चंदला से भाजपा विधायक दिलीप अहिरवार पर कुल तीन मामले दर्ज हैं। मगर, इसमें कोई भी गंभीर आईपीसी की धारा नहीं है। उनके खिलाफ धारा 13 के तहत जुआ खेलने के आरोप लगे थे। साथ ही धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) में चोट पहुंचाने का आरोप है। कोई भी मामला अभी लंबित नहीं है। छतरपुर कोर्ट ने 26 नवंबर 2012 को दिलीप पर 100 रुपए का जुर्माना लगाया था। 26 जुलाई 2013 को धारा 323 के तहत एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। तीसरे मामले में सीजेएम कोर्ट छतरपुर ने गैंबलिंग एक्ट में विधायक को दोषी पाया था। 26 अक्टूबर 2004 को 100 रुपए जुर्माना लगाया था।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ दो केस
सुरखी से विधायक और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर दो मामले लंबित हैं। इसमें कोई गंभीर आईपीसी की धारा शामिल नहीं है। दोनों मामलों में लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवहेलना के आरोप लगे हैं। पहला मामला JMFC कोर्ट, इंदौर में दर्ज है। जो कि अलीराजपुर जिले के थाना जोबट से संबंधित है। वहीं, दूसरा मामला सागर जिले के राहतगढ़ थाने में दर्ज है। इसमें 123 की धारा का उल्लेख है। जिसका चालान अभी तक प्रस्तुत नहीं हुआ है। मंत्री के ऊपर अभी किसी भी मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं न ही कोई अपील दायर की गई है।
नागर सिंह पर मोटर व्हीकल एक्ट में मामला दर्ज
अलीराजपुर से भाजपा विधायक और मंत्री नागर सिंह चौहान पर एक आपराधिक मामला लंबित है। इसमें कोई गंभीर या अन्य आईपीसी की धारा शामिल नहीं है। ये मामला मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 और Prohibition Act की धारा 66(1) B के तहत दर्ज किया गया है। मामला गुजरात के वलसाड जिले के पारड़ी थाने में दर्ज है। अभी इस मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं।
राज्यमंत्री पर रास्ता रोकने का केस
सांरगपुर से भाजपा विधायक और राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त गौतम टेटवाल पर 1 आपराधिक मामला लंबित है। इसमें कोई गंभीर आईपीसी की धारा शामिल नहीं है। मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा में दर्ज हुआ था। अभी एमपी/एमएलए कोर्ट भोपाल में लंबित है। धारा 147 (दंगा करने का दंड), धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवहेलना) और धारा 341 (गलत तरीके से रोकने का दंड) के तहत आरोप लगे हैं। इसमें मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं और न ही कोई अपील दायर की गई है।
नारायण सिंह पंवार पर 1 मामला लंबित
ब्यावरा से विधायक और राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार पर 1 आपराधिक मामला लंबित है। इसमें कोई गंभीर आईपीसी धारा शामिल नहीं है। मामला थाना ब्यावरा सिटी, जिला राजगढ़ में शामिल हुआ था। अभी एमपी/एमएलए कोर्ट भोपाल में चल रहा है। मंत्री के ऊपर 341, 147, 188 की धारा के तहत आरोप लगे हैं। इस मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं।
लखन पटेल पर अश्लीलता से जुड़ा मामला
पथरिया से विधायक और राज्यमंत्री लखन सिंह पटेल पर आपराधिक मामला लंबित है। इसमें आईपीसी की कोई गंभीर धारा नहीं है। ये मामला थाना कोतवाली दमोह में दर्ज हुआ था और अभी जबलपुर में स्पेशल जज की कोर्ट में लंबित है। उन पर धारा 34 (समान इरादे से मिलकर अपराध करना) और धारा 294 (अश्लील कृत्य और गाने) के तहत आरोप लगे हैं। इस मामले आरोप तय नहीं हुए हैं और न ही कोई अपील दायर की गई है।
स्कूल शिक्षा मंत्री पर भी आपराधिक मामला लंबित
गाडरवारा सीट से विधायक और मंत्री उदय प्रताप सिंह पर भी एक आपराधिक मामला लंबित है। इसमें कोई गंभीर आईपीसी धारा शामिल नहीं है। ये मामला गाडरवारा थाने में दर्ज है। मंत्री के खिलाफ धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत जारी किए गए आदेश की अवेलहना) का मामला एमपी/एमएलए कोर्ट जबलपुर में लंबित है। इस मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं।
मंत्री तुलसी सिलावट पर आपराधिक मामला
सांवरे से विधायक और मंत्री तुलसीराम सिलावट पर एक आपराधिक मामला लंबित है। इसमें कोई भी गंभीर आईपीसी की धारा शामिल नहीं है। इंदौर एमपी/एमएलए कोर्ट में मामला लंबित है। मंत्री पर धारा 188 के तहत (लोक सेवक द्वारा विधिवत जारी किए गए आदेश की अवहेलना) के आरोप लगे हैं। इस मामले में 16 सितंबर 2022 को आरोप तय किए गए और अभी तक कोई अपील दायर नहीं की गई।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर पर उकसाने का केस
ग्वालियर से भाजपा विधायक और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पर दो आपराधिक मामले लंबित है। इसमें दोनों मामले गंभीर आईपीसी की धाराओं में दर्ज नहीं है। पहला मामला ग्वालियर के यूनिवर्सिटी थाने में है। मंत्री पर धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवहेलना), धारा 107 (उकसाना) और धारा 116 (अपराध के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज है। वहीं दूसरा मामला ग्वालियर के हजीरा थाने में दर्ज है। इसमें धारा 188 और धारा 269 के तहत संक्रामक बीमारी फैलाने के आरोप लगे हैं। साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51B भी लगी हुई है। मामला कोर्ट में लंबित है। इस मामले में अभी तक कोई आरोप तय नहीं हुए हैं और न ही कोई अपील दायर हुई है।
क्या है एडीआर
एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एक गैर-सरकारी, गैर-पक्षपातपूर्ण संगठन है जो भारत में चुनावी और राजनीतिक सुधारों के लिए काम करता है। इसका मुख्य काम चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड, शैक्षणिक योग्यता, आर्थिक स्थिति की जानकारी को एकत्रित करके जनता तक पहुंचाना है। चुनावी प्रक्रिया, पार्टियों को मिलने वाली फंडिग, चुनावों और वोटिंग पैटर्न से जुड़े तमाम सुझाव और जानकारियों को एकत्रित करके विश्लेषणात्मक रिपोर्ट पेश करता है।