एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट ने सत्ता और अपराध के रिश्ते पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। देश के कुल 643 मंत्रियों में से 302 यानी लगभग 47% ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट ने सत्ता और अपराध के रिश्ते पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। देश के कुल 643 मंत्रियों में से 302 यानी लगभग 47% ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। रिपोर्ट बताती है कि 174 मंत्री (27%) गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। यह विश्लेषण 27 राज्यों, तीन केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के शपथपत्रों पर आधारित है।
राज्यों में, आंध्र प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत 11 क्षेत्रों में 60% से अधिक मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी पाए गए। वहीं हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, नगालैंड और उत्तराखंड में किसी भी मंत्री पर आपराधिक केस नहीं है। केंद्र सरकार के 72 मंत्रियों में से 29 (40%) मामलों में उलझे हैं।
दलवार विश्लेषण में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) 96% मंत्रियों के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद डीएमके (87%), कांग्रेस (74%) और आम आदमी पार्टी (69%) का स्थान है। भाजपा के 336 मंत्रियों में से 40% पर आपराधिक आरोप और 26% पर गंभीर मामले दर्ज हैं।