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बीजेपी और कांग्रेस को सबसे अधिक चंदा 'प्रूडेंट इलैक्टोरल ट्रस्ट' की ओर से मिला. यह बड़े कारपोरेट घरानों द्वारा समर्थित कंपनी है जिसमें परिसंपत्ति और टेलीकाम सेक्टर से जुड़ी बड़ी कंपनियां शामिल हैं.

नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को पिछले वित्त वर्ष में अन्य राष्ट्रीय पार्टियों के मुकाबले 12 गुना ज्यादा यानि 437 करोड़ रूपये से अधिक राजनीतिक चंदा मिला. बुधवार को चुनाव से जुड़े एक विचार मंच द्वारा जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. बीजेपी और कांग्रेस को सबसे अधिक चंदा 'प्रूडेंट इलैक्टोरल ट्रस्ट' की ओर से मिला. यह बड़े कारपोरेट घरानों द्वारा समर्थित कंपनी है जिसमें परिसंपत्ति और टेलीकाम सेक्टर से जुड़ी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.

प्रूडेंट इलैक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी और कांग्रेस को मिलाकर कुल 164.30 करोड़ रूपये का चंदा दिया. इसमें से बीजेपी को 154.30 करोड़ मिला जो कि उसे मिले कुल चंदे का 35 फीसदी है. कांग्रेस के हिस्से में दस करोड़ रूपया आया जो कि उसे मिले कुल धन का 38 फीसदी है. राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित 20 हजार रूपये से अधिक के चंदे में साल 2017-18 के लिए राष्ट्रीय दलों ने 469.89 करोड़ रूपया मिलने की घोषणा की है. इसमें से ज्यादातर हिस्सा 437.04 करोड़ रूपया बीजेपी के खाते में गया जबकि कांग्रेस को 26.65 करोड़ रूपया मिला.

एडीआर ने एक बयान में बताया, ''बीजेपी ने अपने जिस चंदे की घोषणा की है वह कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस द्वारा इसी अवधि में घोषित कुल चंदे से 12 गुना अधिक है.'' बयान में बताया गया है कि राष्ट्रीय दलों को करीब 90 फीसदी चंदा कोरपोरेट घरानों से और बाकी 10 फीसदी लोगों से मिला. कोरपोरेट घरानों और कारोबारियों ने साल 2017-18 में बीजेपी को 400.23 करोड़ रूपये राजनीतिक चंदे के रूप में दिए जबकि कांग्रेस को केवल 19.29 करोड़ रूपया ही मिला.

इस बीच, बहुजन समाज पार्टी ने ऐलान किया है कि इस अवधि में उसे 20 हजार रूपये से अधिक कोई चंदा नहीं मिला. बीएसपी पिछले 12 साल से हर साल यही घोषणा करती आ रही है. दिल्ली स्थित विचार मंच ने यह जानकारी दी है. दलों को मिले राजनीतिक चंदे में से दिल्ली से पार्टियों को 208. 56 करोड़ रूपया मिला तो वहीं महाराष्ट्र से 71.93 करोड़ और गुजरात से 44.02 करोड़ रूपया मिला. एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कुल चंदे में से 42.60 करोड़ रूपये यानि करीब 9.07 फीसदी राशि का अधूरी सूचना के कारण, पता नहीं चल सका कि यह किस राज्य से आया है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 122 करोड़ रुपये खर्च किये
पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 122 करोड़ रुपये अपने चुनाव अभियान पर खर्च किये थे. पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को सौंपे गये खर्च के ब्यौरे के मुताबिक बीजेपी ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों के विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान पर 14 करोड़ रुपये खर्च किये थे.

बीजेपी द्वारा आयोग के समक्ष पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में किये गये चुनावी खर्च के बारे में हाल ही में पेश किये गये ब्यौरे में यह जानकारी दी गयी है. इसके अनुसार बीजेपी ने मई 2018 में हुये कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 122.68 करोड़ रुपये चुनाव अभियान पर खर्च किये थे. उल्लेखनीय है कि चुनाव के बाद राज्य में जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनायी थी.

पार्टी ने मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड विधानसभा चुनाव में भी खर्च का ब्यौरा आयोग को सौंपा है. पिछले साल इन तीनों राज्यों में हुये चुनाव में बीजेपी ने चुनाव अभियान पर 14.18 करोड़ रुपये खर्च किये थे. इनमें पार्टी ने मेघालय में 3.8 करोड़ रुपये, त्रिपुरा में 6.96 करोड़ रुपये और नगालैंड विधानसभा चुनाव में 3.36 करोड़ रुपये चुनाव अभियान पर खर्च किये थे. पार्टी के खर्च के ब्यौरे में बीजेपी के स्टार प्रचारकों की यात्रा, मीडिया, प्रचार और हेलीकॉप्टर और अन्य यात्रा व्यय शामिल हैं.