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पश्चिम बंगाल के 37 प्रतिशत मौजूदा विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. 'वेस्ट बंगाल इलेक्शन वॉच 'एवं ' एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ' (एडीआर) के संयुक्त अध्ययन के मुताबिक, बंगाल के 282 में 104 विधायक दागी हैं.

बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट में नागरिक समाज संगठनों ने कहा कि राज्य के 90 (32 फीसदी) मौजूदा विधायकों ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं.

'वेस्ट बंगाल इलेक्शन वॉच' (डब्ल्यूबीईडब्ल्यू) के एक प्रवक्ता ने बताया कि गंभीर आपराधिक मामलों से मतलब गैर जमानती अपराधी से होता है जिसमें पांच साल से अधिक सज़ा का प्रावधान होता है.

डब्ल्यूबीईडब्ल्यू ने एडीआर के साथ मिलकर निवर्तमान विधायकों के हलफामों से उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि, आर्थिक स्थिति, शिक्षा तथा अन्य विवरण का अध्ययन किया है.

इस अध्ययन में सामने आया है कि तृणमूल के 205 में से 61 विधायकों और कांग्रेस के 39 में से 15 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

उसके मुताबिक, माकपा के 24 में से तीन, भाजपा के छह में से तीन और एक निर्दलीय के खिलाफ भी संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं.

यह अध्ययन 294 मौजूदगा विधायकों में से 282 पर किया गया है.

उसके मुताबिक, सात विधायकों के खिलाफ हत्या से संबंधित मुकदमें दर्ज हैं जबकि 24 के खिलाफ हत्या की कोशिश में प्राथमिकी दर्ज है. वहीं, 10 विधायकों के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले दर्ज हैं.

रिपोर्ट कहती है कि मौजूदा विधानसभा में 10 सीटें रिक्त हैं जबकि दो विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं हो सका क्यों वे अस्पष्ट थे.

उसके मुताबिक, 97 विधायक करोड़पति हैं. इनमें से 78 सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हैं जबकि 13 कांग्रेस के हैं.

वहीं, माकपा और भाजपा के दो-दो विधायक करोड़पति हैं.

अध्ययन में यह भी पता चला कि 92 विधायकों की शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा के बीच है जबकि 187 विधायकों ने स्नातक या इससे अधिक की पढ़ाई की है.

उसमें कहा गया है कि दो विधायकों के पास डिप्लोमा है जबकि एक साक्षर है.

विधानसभा में 41 (यानी 15 प्रतिशत) महिला विधायक हैं और 185 (66 प्रतिशत) विधायकों की उम्र 51 से 80 साल के बीच है.