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एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) में सबसे ज्यादा दागी विधायक हैं. इसके बाद दूसरा नंबर कांग्रेस (Congress) का है और सबसे कम दागी विधायक भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के हैं. इस रिपोर्ट से पता चला है कि 41 प्रतिशत राजद नेताओं पर आपराधिक आरोप हैं, वहीं कांग्रेस के 40 फीसदी नेताओं पर ऐसे आरोप हैं. इसके बाद जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) के 37 फीसदी और भाजपा के सबसे कम 35 प्रतिशत नेताओं पर आपराधिक आरोप हैं.

रिपोर्ट के ये नतीजे उन हलफनामों के आधार पर निकाले गए हैं, जो 2015 के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) के दौरान उम्मीदवारों ने दाखिल किए थे. हत्या जैसे गंभीर आरोप को लेकर बात करें तो 11 विधायकों पर हत्या और 30 विधायकों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं. 5 विधायक महिलाओं के साथ क्रूरता बरतने और 1 विधायक दुष्कर्म का आरोपी है.

धन-संपत्ति को लेकर भी इस रिपोर्ट में खुलासे किए गए हैं. इसके अनुसार 240 विधायकों में से 67 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं. खगरिया सीट से जेडीयू की विधायक पूनम देवी बिहार विधानसभा की सबसे अमीर विधायक हैं, उनके पास 41 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है. वहीं भागलपुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा के पास 40 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

वहीं रानीगंज से जेडीयू के विधायक अचिमित रिशिदेव के पास केवल 9.6 लाख रुपये की संपत्ति है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 240 विधायकों में से 134 ने ग्रेजुएशन से ऊपर भी पढ़ाई की है, जबकि 96 विधायक ग्रेजुएट हैं और 9 विधायक सिर्फ साक्षर हैं.