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25.03.2019
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लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मतदाताओं के बीच एक सर्वे किया है। इस सर्वे के मुताबिक, मतदाताओं की प्राथमिकताओं में रोजगार सबसे पहले नंबर पर है। साथ ही सरकार द्वारा इस क्षेत्र में जो काम किया गया उसे मतदाताओं ने औसत करार दिया है।

एडीआर का यह सर्वे अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 के बीच किया गया। यह सर्वे 534 लोकसभा निर्वाचन-क्षेत्रों में किया गया, जिसमें 2,73,479 मतदाताओं ने भाग लिया है। सर्वे में यह जानने की कोशि‍श की गई कि शासन के विशिष्ट मुद्दों पर मतदाताओं की प्राथमिकताएं क्‍या हैं? उन मुद्दों पर सरकार के प्रदर्शन की मतदाताओं द्वारा रेटिंग कराई गई। साथ ही यह जाना गया कि मतदान के व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक क्‍या हो सकते हैं?

सर्वे में मतदाताओं ने रोजगार के बेहतर अवसर की महत्ता 46.80% बताई। वहीं, इसे लेकर सरकार के प्रदर्शन को औसत से कम (5 के पैमाने पर 2.15) रेटिंग मिली है। यह रेटिंग त्रि-स्तरीय पैमाने- 'अच्छा', 'औसत' और 'बुरा' के तौर पर की गई है। जहाँ 'अच्छा' को 5, 'औसत' को 3 और 'बुरा' को 1 अंक दिए गया है।


एडीआर के इस सर्वे से पहले बेरोजगारी को लेकर राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट भी सामने आई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2011-12 से लेकर 2017-18 के दौरान देश में पुरुष कार्यबल में करीब दो करोड़ की कमी आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2017-18 के दौरान सिर्फ 28.6 करोड़ पुरुष देश में रोजगार में थे जबकि 2011-12 में 30.4 करोड़ पुरुष रोजगार में थे। यानी करीब दो करोड़ लोग बेरोजगार हुए। बता दें, इस रिपोर्ट को सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया था जिसके बाद बिजनेस स्टैंडर्ड ने इसे प्रकाशित किया था।

एडीआर के इस सर्वे में शीर्ष 10 प्राथमिकताओं में कृषि से सम्बंधित मुद्दे विशेष रूप से सामने आए। जैसे कृषि के लिए जल की उपलब्धता (26.40%) छठे स्थान पर, कृषि ऋण की उपलब्धता (25.62%) सातवें स्थान पर, कृषि उत्पादों के लिए अधिक मूल्यों की प्राप्ति (25.41%) आठवें स्थान पर और बीजों/उर्वरकों के लिए कृषि सब्सिडी (25.06%) नौवें स्थान पर है।

वहीं सर्वे में शीर्ष तीन प्राथमिकताओं में 'रोजगार के बेहतर अवसर' (46.80%), 'बेहतर अस्पताल/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र' (34.60%) और 'पेयजल' (30.50%) हैं। इसके बाद बेहतर सड़कें (28.34%) और बेहतर सार्वजनिक परिवहन (27.35%) क्रमशः चौथे एवं पांचवे स्थान पर हैं।

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