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Quint Hindi
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बीजेपी के बाद कांग्रेस है जिसे सभी सात चुनावी ट्रस्टों से 58 करोड़ रुपए या 15.98 फीसदी मिला.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) के जारी आंकड़ों के मुताबिक सात चुनावी ट्रस्टों को कई कॉर्पोरेट और लोगों द्वारा 2020-21 में दान में 258.49 करोड़ रुपए मिले हैं, इसमें से इस ट्रस्ट ने 258.43 करोड़ रुपए अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को दिए हैं.

रिपोर्ट में बताया कि बीजेपी को इस दान का कुल 82.05 फीसदी यानि 212.05 करोड़ रुपए मिले हैं.

सबसे बड़े चुनावी ट्रस्टों में से एक चुनावी ट्रस्ट- प्रूडेंट ने बीजेपी को 209 करोड़ रुपए का दान दिया है, जबकि 2019-20 में इसने 217.75 करोड़ रुपए का योगदान दिया था. जयभारत नाम के चुनावी ट्रस्ट ने 2020-21 में अपनी कुल आय का 2 करोड़ रुपए बीजेपी को किया.

प्रूडेंट ने बीजेपी समेत सात राजनीतिक दलों को दान दिया है जिसमें जेडीयू, कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी, आप और एलजेपी भी शामिल हैं.

कॉरपोरेट्स में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने चुनावी ट्रस्ट के सभी डोनर्स में सबसे अधिक 100 करोड़ रुपए का योगदान दिया, इसके बाद हल्दिया एनर्जी इंडिया लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपए और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने विभिन्न ट्रस्टों को 22 करोड़ रुपए का योगदान दिया है.

एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया, “2020-21 में चुनावी ट्रस्टों में 159 व्यक्तियों ने भी दान किया. दो व्यक्तियों ने प्रूडेंट चुनावी ट्रस्ट को 3.50 करोड़ रुपए दिए, 153 व्यक्तियों ने स्मॉल डोनेशन इलेक्टोरल ट्रस्ट को 3.202 करोड़ रुपए का योगदान दिया और तीन ने आइंजिगर्टिग चुनावी ट्रस्ट को कुल 5 लाख रुपए दिए है.

डोनर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं 

स्मॉल डोनेशन इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस को 3.31 करोड़ रुपए का दान दिया है, जेडीयू को सभी सात चुनावी ट्रस्टों से सभी पार्टियों को मिले कुल चंदे का 27 करोड़ रुपए या 10.45 फीसदी मिला है.

अन्य 10 राजनीतिक दलों- कांग्रेस, एनसीपी, एआईएडीएमके, डीएमके, आरजेडी, आप, एलजेपी, सीपीएम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और लोक तांत्रिक जनता दल को सामूहिक रूप से कुल 19.23 करोड़ रुपए मिले हैं.

एडीआर ने कहा है कि, “इन छह चुनावी ट्रस्टों के डोनर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिससे यह कहा जा सकता है कि, क्या इन ट्रस्टों को दान देना मतलब टैक्स में छूट मिलना है या यह काले धन को सफेद करने का एक तरीका है. इसलिए, सीबीडीटी नियमों के अस्तित्व में आने से पहले गठित हुए इन चुनावी ट्रस्टों को दान देने वालों के ब्योरे का भी खुलासा करना चाहिए.

पिछले 5 सालों में BJP-कांग्रेस को चुनावी ट्रस्टों से कितना चंदा मिला?  

एडीआर के अनुसार, बीजेपी को 2019-20 में चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को दिए गए कुल चंदे का 276.45 करोड़ रुपए या 76.17 फीसदी मिला था. बीजेपी के बाद कांग्रेस है जिसे सभी सात चुनावी ट्रस्टों से 58 करोड़ रुपए या 15.98 फीसदी मिला.

रिपोर्ट में कहा गया, बीजेपी को 276.45 करोड़ रुपए मिला, जिसके बाद कांग्रेस को 58 करोड़ रुपए मिले. आप, एसएचएस, एसपी, युवा जन जागृति पार्टी, जननायक पार्टी, जेडीयू, जेएमएम, एलजेपी, एसएडी, आईएनएलडी, जेकेएनसी और आरएलडी सहित अन्य 12 राजनीतिक दलों को सामूहिक रूप से 25.46 करोड़ रुपए मिले.

एडीआर के अनुसार साल 2018-19 में पांच चुनावी ट्रस्टों से बीजेपी को कुल 100.25 करोड़ रुपए मिले. वहीं कांग्रेस को चार चुनावी ट्रस्टों ने 43 करोड़ रुपए दिए. यानि चुनावी ट्रस्टों द्वारा सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 39.85 फीसदी चंदा बीजेपी को गया और कांग्रेस 17.09 फीसदी.

एडीआर के अनुसार साल 2017-18 में चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का बीजेपी को 167.80 करोड़ रुपए या 86.59% मिले. अन्य चार राजनीतिक दलों को सामूहिक रूप से केवल 25.98 करोड़ रुपए मिले इसमें कांग्रेस, बीजेडी, एनसीपी और जेकेएनसी शामिल हैं.

इसके अलावा, एडीआर के अनुसार साल 2016-17 में अकेले बीजेपी को 290.22 करोड़ रुपए या चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 89.22 फीसदी मिला. अन्य 9 राजनीतिक दलों (कांग्रेस, एसएडी, एसपी आदि सहित) को सामूहिक रूप से केवल 35.05 करोड़ रुपए मिले.

अगर पांच सालों के आंकड़ों को जोड़ें तो बीजेपी को चुनावी ट्रस्टों द्वारा 2016-17 से लेकर 2020-21 के बीच 1030 करोड़ रुपए से ज्यादा रुपए मिले