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 बिहार विधानसभा चुनाव में निर्वाचित 241 विधायकों में से कुल 163 (68%) ने चुनावी हलफनामों में खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है। बिहार इलेक्शन वॉच और और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने कहा है कि लिस्ट में 73% के साथ तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नंबर वन पर है।

163 निर्वाचित विधायकों में से, 123 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध शामिल है। 2015 के विधानसभा चुनावों में, 142 (58%) विधायकों ने हलफनामों में अपने खिलाफ ऐसे मामलों की घोषणा की थी।

123 विजेताओं में से 19 पर हत्या के मामले
इस बार, एडीआर ने 243 विजयी उम्मीदवारों में से 241 के शपथपत्रों का विश्लेषण किया। बिहार में तीन चरणों के चुनावों के नतीजे बुधवार सुबह 20 घंटे तक चली मतगणना के बाद घोषित किए गए। 123 विजेताओं में से 19 पर हत्या के मामले, 31 पर हत्या के प्रयास और 8 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं।

राजद के 74 विजेताओं में से 54 यानी 73% पर आपराधिक मामले लंबित
प्रमुख दलों में, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के 74 विजेता उम्मीदवारों में से 54 (73%) पर आपराधिक मामले लंबित हैं। इसके बाद भाजपा के 73 में से 47 (64%) निर्वाचित विधायकों पर आपराधिक मामले हैं। JDU के 43 में से 20 (47%) निर्वाचित विधायकों पर भी आपराधिक मामले हैं। कांग्रेस के 19 में से 16 (84%), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्‍सवादी लेनिनवादी (लिबरेशन) के 12 में से 10 (83%), और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन से पांच (100%) पर भी आपराधिक मामले हैं।

इनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित
RJD के 74 में से 44 (60%)
BJP के 73 में से 35 (48%)
JDU के 43 में से 11 (26%) 
INC के 19 में से 11 (58%) 
CPI-MLL के 12 में से 8 (67%)
AIMIM के 5 में से 5 (100%)