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Source
Insider live
Author
Razia Ansari
Date

लोकसभा चुनाव में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए वोट और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के संस्थापक जगदीप छोकर ने ये सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने बताया कि ADR की रिपोर्ट के मुताबिक 362 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए मतों की तुलना में कुल 5,54,598 वोट कम गिने गए। वहीं 176 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए वोट की तुलना में कुल 35,093 वोट अधिक गिने गए।

हालांकि, एडीआर ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वोटों में इस अंतर की वजह से कितनी सीटों पर रिजल्ट अलग हो सकते थे। जगदीप छोकर ने बताया कि इसके अलावा, लास्ट वोटिंग पर्सेंट डेटा जारी करने में अत्याधिक देरी, निर्वाचन क्षेत्रों और मतदान केंद्रों के अंकड़े उपलब्ध न होने और क्या नतीजे अंतिम मिलान आंकड़ों के आधार पर घोषित किए गए थे। इसकी अस्पष्टता ने चुनाव रिजल्ट्स की सत्यता के बारे में चिंता और सार्वजनिक संदेह पैदा कर दिया है।

छोकर ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 और लोकसभा चुनाव 2024 में हुए उल्लंघन, अवैधता और अनियमितताओं की गंभीर घटनाओं का समाधान करने और उनके खिलाफ उचित कदम उठाने में निर्वाचन आयोग विफल रहा है। इससे वोटर्स के मन में आशंकाएं पैदा हुई हैं। इन आशंकाओं का गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए और उन्हें दूर किया जाना चाहिए। हालांकि इस मामले पर चुनाव आयोग की टिप्‍पणी का इंतजार है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव 2024 के परिणामों में 538 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए मतों में काफी विसंगतियां सामने आईं। इनमें अमरेली, अत्तिंगल, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली और दमन दीव को शामिल नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि सूरत संसदीय सीट पर कोई मुकाबला नहीं था। इसलिए 538 संसदीय सीट पर कुल 5,89,691 मतों की विसंगति है। सत्रहवें आम चुनाव के दौरान, इलेक्शन के पहले छह चरणों के लिए ‘वोटर टर्नआउट ऐप’ पर मतदाताओं की सही संख्या प्रदर्शित की गई थी। हालांकि, अंतिम चरण यानी सातवें चरण के मतदान में केवल प्रतिशत में आंकड़े दिए गए थे और निर्वाचन आयोग की ओर से पिछले डेटा को हटा दिया गया था।